किसी भी बच्चे के जन्म के बाद से ही उसके माता-पिता उसकी अच्छी परवरिश करना चाहते हैं । प्रत्येक माता- पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे सबसे अच्छे हों । उनमें सबसे अच्छे संस्कार हों तथा सभी लोग उनके अच्छे गुणों की वजह से उन्हें जानें । ऐसा तभी होगा जब आप अपने बच्चों को अच्छे गुण सिखाएंगे । एक बच्चे के अंदर अच्छे गुण उसके माता-पिता से ही आते हैं। माता – पिता सही आचरण रखेंगे तो बच्चा भी सही आचरण अपनाएगा । सभी बच्चे अपने माता – पिता का ही प्रतिनिधित्व करते हैं । लेकिन प्रत्येक बच्चा अलग होता है । प्रत्येक बच्चे का स्वभाव भी अलग होता है । इसी वजह से Parents को उनकी परवरिश करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । आपके इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए मैं आपके समक्ष कुछ आसान से 12 Best Parenting tips |Hindi| परवरिश के 12 सर्वोत्तम तरीके प्रस्तुत करूँगी । जिसे अपनाकर आप अपने बच्चों को समझने के साथ-साथ उनकी अच्छी तरह से परवरिश भी कर पाएंगे ।
सबसे पहले तो आपको यह जानना जरूरी है कि Good Parenting का मतलब क्या है ? एक अच्छी परवरिश का मतलब केवल बच्चे को खाना खिलाना या उसकी जरूरतों को पूरा करना नहीं है । बल्कि उसे अच्छी तरह समझना तथा उसे अच्छे संस्कार देना है । आपको Child Psychology को समझना बहुत जरूरी है । जब तक आप यह नहीं समझेंगे आप एक अच्छे अभिभावक नहीं बन सकते हैं । तो आइए जानते हैं Best Parenting advice –

- आप शुरु से ही अपने नवजात बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा बात करें । आप अपने बच्चे से जितनी बात करेंगे वह आपकी भाषा भी जल्दी सीखेगा । जब आप उससे बात करें तो ध्यान रखें कि आपका तरीका सकारात्मक हो । उससे बात करते समय अपनी आवाज़ को Soft रखें । उनके साथ अपनी खुशी और दुख बाँटें । ऐसा करने से बचपन से ही वे अपने घर की परिस्थिति को समझेंगे । इसके साथ ही बच्चे में भी आपसे हर बात बताने की आदत रहेगी और साथ ही आपके करीब भी रहेंगे ।
- जब आपका बच्चा आपकी ध्वनियों को दोहराकर और शब्दों को जोड़कर आवाज़ करता है तो उसका उत्तर दें । उसे नज़र अंदाज़ ना करें । चाहे वह जिस रूप में भी आपके साथ जुड़ना चाहें उससे जुड़ने की कोशिश करें । छोटे बच्चे ध्यान खींचते हैं । जब आप उन्हें ध्यान देते हैं तो उन्हें अच्छा लगता है । बचपन से ही वह आपके साथ जुड़ जाता है । तथा उसे भी लगता है आप उसे महत्त्व दे रहे हैं ।
- अपने बच्चे के दिमाग को पढ़ने की कोशिश करें । आप जानने की कोशिश करें कि वह क्या चाहता है । छोटे बच्चे बोल नहीं पाते हैं । वह तरह – तरह के संकेतों से अपनी बातों को आपके सामने रखने का प्रयत्न करते हैं । उनके संकेतों को समझने की कोशिश करें ।
- छोटे बच्चों के साथ Baby Rhymes / कविताएँ गाएं । इससे उनका मनोरंजन भी होगा और वह आपके साथ समय भी बिता पाएँगे । इसके साथ ही बचपन से ही उनका दिमाग विकसित होगा तथा उनमें रचनात्मकता / creativity बढ़॓गी ।
- अपने बच्चे की तारीफ करें तथा उनका पूरा ध्यान रखें । जब भी आपका बच्चा कोई अच्छा काम करे तुरंत उसकी तारीफ करें । इससे उसे सही और गलत की पहचान होगी । इसके साथ ही वह कोशिश करेगा कि दोबारा कुछ अच्छा करे जिससे उसकी तारीफ हो ।
- अपने बच्चे को सीने से लगा कर यह एहसास दिलाएँ कि आप उससे अत्यंत प्यार करते हैं । उसे यह भी समझाने की कोशिश करें कि आप उसकी हर परेशानी में साथ हैं ।
- अपने बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएँ । जब आपका बच्चा सतर्क और तनावमुक्त हो तब आप उसके साथ खेलें । आजकल माता-पिता दोनों कमाते हैं । इस वजह से वह अपने बच्चे के साथ ज्यादा समय नहीं बिता पाते हैं । इससे बच्चा स्वयं को अकेला महसूस करने लगता है तथा उसका विकास भी ठीक से नहीं हो पाता है । इसलिए जरूरी है कि आपको जब भी समय मिले अपने बच्चे के साथ बिताएँ । उस समय कोई दूसरा कार्य ना करें ।


- आप अपने बच्चे को बचपन से ही आत्म निर्भर बनाएँ । उससे उसके छोटे- छोटे कार्य स्वयं करवाएँ । जब उसका खेलना हो जाए तो उसके खिलौनों को व्यवस्थित ढंग से रखवाएँ । उसके प्लेटस उसी से रखवाएँ । यदि बच्चे ने खाना, खाना शुरू कर दिया हो तो धीरे-धीरे उसे स्वयं खाने के लिए प्रेरित करें । इस तरह के छोटे – मोटे कार्यों को करवाने से वह बचपन से ही आप पर निर्भर नहीं रहेगा ।
- यदि आपका बच्चा जिद करता है तो उसे मारे-पीटे नहीं । बल्कि उसे प्यार से समझाएँ । उसका ध्यान कहीं और भटकाएँ । जिससे वह उस बात को भूल जाए । छोटे बच्चे अत्यंत नाज़ुक और मासूम होते हैं । उनके साथ आप जैसा वर्ताव करेंगे वे वैसा ही सीखेंगे । उन्हें मारने-पीटने से वे और अधिक जिद्दी बन जाते हैं । अधिकांश माता-पिता अपने बच्चे को सुधारने के लिए उनपर चिल्लाते हैं तथा उन्हें मारते हैं । ऐसा करने से बच्चा कभी भी नहीं सुधरेगा । बल्कि और अधिक रोने लगेगा और जिद में वह भी चिल्लाने लगेगा । इसलिए अपने बच्चे को प्यार से समझाएँ कि उसने जो किया है वह गलत है ।
- अपने बच्चे को किसी भी तरह का लालच ना दें । अधिकांश अभिभावक अपने बच्चे से जब कोई बात मनवानी होती है तो उन्हें तरह – तरह के प्रलोभन देते हैं । अपने बच्चों को तरह- तरह की चीजों का प्रलोभन देना बिल्कुल गलत है । क्योंकि बाद में बच्चे लालची हो जाते हैं । वे आपकी किसी भी बात को नहीं मानेंगे और बात-बात पर आपसे अपनी माँगें पूरी करवाएँगे ।

- माता – पिता को कभी भी अपना गुस्सा बच्चे पर नहीं निकालना चाहिए । उनके सामने अपशब्द का प्रयोग तो कदापि नहीं करना चाहिए । इससे बच्चे पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है । माता- पिता को अपनी समस्याओं को बच्चों से दूर रख कर अपनी भाषा पर नियंत्रण करना चाहिए । चाहे कितनी भी बड़ी परेशानी क्योँ ना हो अपने बच्चों पर असर नहीं होने देना चाहिए । यदि कोई अभिभावक ऐसा करता है तो उसके बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और वह चिड़चिड़ा हो जाता है ।
- छोटे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा Physical Activity करवाएँ । इससे उनका शारीरिक विकास होगा । इसके साथ ही बच्चा घर पर है तो उसे खिलौनों से खेलने की आदत दें । उन्हें टीवी, लैपटॉप, स्मार्ट्फोन, टैबलेट की आदत ना लगाएँ । हाँलाकि आज टेक्नोलोजी का जमाना है । आप चाह कर भी बच्चों को इससे ज्यादा देर तक दूर नहीं रख सकते । इसलिए इन सब चीजों का एक समय निर्धारित कर दें । दिन भर इनका प्रयोग ना करने दें । यदि बच्चा दिन भर फोन, टीवी में ही लगा रहेगा तो उसके दिमाग का विकास नहीं होगा । इसलिए किसी भी गैजेट का प्रयोग एक निर्धारित समय सीमा में ही होना चाहिए । इसके साथ ही अभिभावकों को भी मोबाइल तथा अन्य गैजटों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए । तभी बच्चे भी आपसे सीख कर इसका प्रयोग कम करेंगे ।
अंत में मैं यही कहना चाहूँगी कि यदि आप अपने बच्चे को एक अच्छा इंसान बनाना चाहते हैं तो पहले स्वयं को बदलने की कोशिश करें । आप जब तक स्वयं में अनुशासन नहीं लाएंगे आपका बच्चा भी अनुशासित नहीं रहेगा । इसके साथ ही माता-पिता को भी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहना होगा । Parenting में कड़ी मेहनत हो सकती है । यदि आप स्वयं स्वस्थ रहेंगे तो आपके लिए भी अपने बच्चे की परवरिश करने में आसानी हो जाएगी ।

आपको मेरा लेख 12 Best Parenting tips |Hindi| परवरिश के 12 सर्वोत्तम तरीके कैसा लगा कृपया कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएँ । इसके साथ ही आप यदि कोई सुझाव देना चाहते हैं तो वह भी दे सकते हैं ।
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बच्चों के परवरिश विषय पर आपका यह लेख बहुत ही ज्ञानवर्धक है। माता- पिता कई बार इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। आपके इस लेख के माध्यम से उन्हें एक नई दृष्टि मिलेगी।
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