शहद स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद माना जाता है । इसका स्वाद अत्यंत मीठा होता है । शहद में विटामिन ए, बी, सी, आयरन, कैल्शियम, सोडियम फॉसफोरस और आयोडीन पाया जाता है । रोज़ाना शहद का सेवन करने से शरीर में शक्ति, स्फूर्ति और ताज़गी बनी रहती है । इसके साथ ही हर तरह के रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है । अस्थमा के इलाज के लिए भी शहद का प्रयोग किया जाता है । इसके साथ ही रोज़ाना शहद का इस्तेमाल करने से चेहरे की झाइयाँ और मुँहासे भी खत्म हो जाते हैं । लेकिन सवाल यह कि Is Honey safe for newborn babies? / क्या शिशुओं को शहद देना सुरक्षित है?
शिशुओं को 1 साल से पहले बिल्कुल भी शहद नहीं देना चाहिए । 1 वर्ष से कम आयु के शिशु को शहद देने से इंफेंट बॉटुलिज़्म की समस्या हो सकती है । शिशु में बॉटुलिज़्म घातक समस्या होती है । इसके लिए क्लोस्ट्रीडियम बॉटुलिनम नामक बैक्टीरिया (जीवाणु) जिम्मेदार होता है । ये बैक्टीरिया मिट्टी और कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जिनमें से एक शहद भी है । बॉटुलिज़्म की समस्या जन्म के बाद 6 दिन के शिशु से लेकर 1 साल तक के बच्चे को हो सकती है । यह समस्या 6 सप्ताह से 6 महीने की उम्र वाले बच्चों को ज्यादा होती है । इसलिए डॉक्टर भी 1 साल से कम उम्र के शिशुओं को शहद न देने की सलाह देते हैं ।
शिशुओं में बॉटुलिज़्म के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं –
- सांस लेने में तकलीफ होना
- कब्ज होना
- पलकों का शिथिल होना या बंद होना
- शिशु का सुस्त हो जाना
- सिर पर नियंत्रण न होना
- खाने – पीने में तकलीफ होना
- रेस्पिरेटरी फेलियर
- शरीर के निचले हिस्से में पैरालिसिस
- अधिक थकान महसूस होना
- चेहरे की मांसपेशियों का कमजोर दिखाई देना
- हाथ, पैर तथा गर्दन की मांसपेशियों में कमजोरी दिखना
भारत में कई परिवारों में शिशु के जन्म लेते ही उसे शहद चटाने का रिवाज़ है । मेरा मानना है कि हमें अपनी परम्परा को जरूर मानना चाहिए । लेकिन जहाँ बात अपने बच्चे की आती है वहाँ थोड़ी एहतियात बरतने की जरूरत है । अपने शिशु चिकित्सकों की बात माननी चाहिए । माना कि इससे हमारी परम्परा की अवहेलना भले ही हो लेकिन हमें समय के साथ थोड़ा बदलाव तो लाना पड़॓गा । जरूरी नहीं कि कोई एक गलत हो तो सभी गलत हो जाएं । आखिर आपके बच्चे के स्वास्थ्य का सवाल है । आपका बच्चा स्वस्थ रहेगा तो कहीं न कहीं आप भी स्वस्थ और खुश रहेंगी ।
बच्चों को 1 साल के बाद आप कभी भी शहद दे सकती हैं । सही सलाह और उचित समय के बाद ही बच्चों को शहद देना चाहिए । इससे उन्हें कई फायदे हो सकते हैं । नीचे आपके बच्चों को शहद से मिलने वाले फायदे के बारे बताया जा रहा है ।
बच्चों को शहद से फायदे –
1) ऊर्जा देने के लिए – शहद में भरपूर मात्रा में ऊर्जा होती है । इससे बच्चा ऊर्जावान बना रहता है । इसके साथ ही वह खेलकूद में भी चुस्त और तंदरुस्त महसूस करता है । यह एक ऐसी बलवर्धक औषधि है जिसमें कम मात्रा में काफी विटामिन और मिनरल्स होते हैं । इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम और जिंक शामिल होते हैं ।
2) खून की कमी – शहद आपके बच्चे के लिए बहुत लाभकारी है । यह खून की कमी को भी दूर करता है । यह आपके बच्चे के शरीर पर अलग – अलग तरह से असर डालता है । शहद और गुनगुने पानी का मिश्रण खून में होमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है ।
3) चीनी से ज्यादा फायदेमंद – शहद में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज होते हैं जो बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होता है । शहद मीठा तो होता है लेकिन इससे अधिक नुकसान नहीं होता है । इसे चीनी की जगह प्रयोग किया जा सकता है ।
4) एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक – शहद का सेवन इतना लाभदायक है कि यह एंटीऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है । यदि किसी घाव पर शहद लगाएं तो घाव के अंदर का सारा बैक्टीरिया नष्ट हो जाता है ।
5) सर्दी ज़ुखाम में लाभकारी – यदि आपका बच्चा सर्दी ज़ुखाम से परेशान है तो आप रोज सुबह उसे शहद का सेवन करा सकती हैं । काली मिर्च, शहद और हल्दी का मिश्रन बना कर सेवन करने से बच्चे को आराम मिलता है । शहद त्वचा की एलर्जी को दूर करने में भी लाभदायक है ।
6) पाचक के रूप में – शहद बच्चे के पेट के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है । यह कब्ज, पेट फूलना और गैस तीनों के लिए रामबाण होता है ।
7) संक्रमण से लड़ने में उपयोगी – आपके बच्चे की सिर और त्वचा के लिए भी शहद बहुत लाभदायक होता है । शहद का सेवन करने से बच्चों को नींद भी अच्छी आती है । यह कई स्तरों पर संक्रमण से लड़ता है । यह भोजन में पैदा होने वाले जीवाणुओं को समाप्त कर सकता है ।
उपर्युक्त बातों का ध्यान रखें तथा 1 साल से छोटे बच्चों को शहद का सेवन ना करवाएँ । वास्तव में शहद का प्राकृतिक स्वरूप जटिल होता है, इसलिए बच्चों का कोमल पेट इसे पचा नहीं पाता है । यदि आप बच्चों को ताज़ा पेड़ से उतरा हुआ शहद देते हैं तो वह भी उनके लिए खतरनाक होता है । उनके पेट में प्राकृतिक अवस्था में भी शहद नहीं पचता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सलाह दी है कि शहद को पानी, भोजन और शिशु सूत्रों में नही जोड़ना चाहिए । यह एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए । बच्चों के लिए शहद अच्छा है । परंतु जब तक बच्चा एक वर्ष का ना हो जाए तब तक बच्चे को शहद नहीं देना चाहिए ।
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